कविता-राजीव जैन ने अपने संघर्ष और मेहनत का सोनीपत की जनता के सामने दिया हिसाब, जनता-जनार्दन पर छोड़ा निर्णय
पूर्व कैबिनेट मंत्री कविता जैन ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कहते थे कि राजनीति सत्ता नहीं सिद्धान्त की होनी चाहिए। विचार, व्यक्ति, दल और राष्ट्र को बडा बनाने के विचार पर भारतीय जनता पार्टी 2 सांसदों से 303 सांसदों तक पहुंची, लेकिन आज कुछ लोग उन्हीं सिद्धान्तों का कत्ल कर रहे हैं। सोनीपत में भाजपा ने जिस चेहरे को चुना है वो उस सिद्धान्त से मेल नहीं खाता, क्योंकि सट्टा और नशे के कारण जिन युवाओं की बर्बादी आज हो रही हैं, हम उसे होने नहीं देंगे।
मुरथल रोड स्तिथ रॉयल कैसेल गार्डन में अपने कार्यकर्ताओं के जनसमूह को संबोधित करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेत्री कविता जैन ने कहा कि राजनीति चालाकी, चतुराई से आगे बढने नहीं, बल्कि धैर्य और नीति के साथ आगे बढने का नाम है। वर्ष 2019 में कांग्रेस विधायक और मेयर की जोडी ने सट्टा, नशा, मुफ्त राशन व जनता-जर्नादन की भावना से खिलवाड करके 38 साल से जनता की सेवा और जनभावना के अनुरूप काम करने वाली जोडी कविता राजीव जैन को हराने का काम किया था। उनकी चालाकी, चतुराई पार्टी आलाकमान को नजर नहीं आई।
भाजपा को हर घर-परिवार तक पहुंचाने, कोरोना महामारी, आरक्षण आंदोलन से लेकर क्षेत्रवासियों के हर सुख-दुख के साथी बनते हुए हमने लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को 36 हजार की बढत दिलाई, जबकि उस समय मेयर भाजपा को हराने के लिए काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पार्टी उनकी बजाय ललित बत्रा, तरूण देवीदास, अनिल ठक्कर, योगेशपाल अरोडा को भी टिकट दे देती तो भी कोई परेशानी नहीं थी। लेकिन षडयंत्र के तहत हमारी राजनीति को खत्म करने की कोशिश की गई। चालाकी, अपनापन और घेरकर मारने की कोशिश की गई है, जिसका जवाब आज सोनीपत की जनता देने के लिए तैयार है।
कविता जैन ने शीर्ष नेतृत्व से अनुरोध करते हुए कहा कि जिस प्रकार महाराष्ट्र में संघ व पार्टी को गाली देने वालों को गले लगाने से पार्टी को नुकसान हुआ है, वैसा प्रयोग करके हरियाणा में गलती न की जाए। उन्होंने कहा कि चुनाव रूपी हवन में कार्यकर्ता और जनता वोट की आहुति डालते हैं, उसके परिणाम में युवा नशामुक्त हो, खुशहाल हो और संस्कारी बनाने के लिए हम मिलकर काम करेंगे और जनता उनके लिए जो जिम्मेदारी निभाएगी, उसे पूरी शिद्दत से निभाएंगे।
दो बार मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार रह चुके राजीव जैन ने कहा कि ओमप्रकाश चौटाला चाहते थे कि वो बंसीलाल का साथ छोड दें, लेकिन मना करने पर उन्होंने दमन की नीति अपनाई और झूठे मुकदमे लगाने का काम किया। मुरथल रोड से गोहाना रोड पर जब लोगों के आशियाने पर चौटाला सरकार में बुलडोजर चल रहा था तो उन्होंने इसे रोकने की हिम्मत की थी। राजीव जैन ने कहा कि उन्होंने भाजपा में आने के बाद टिकट की इच्छा नहीं की थी, वर्ष 2009 में उन्होंने खुद ललित बत्रा और तरूण देवीदास की पैरवी की थी, लेकिन उनके इंकार करने के बाद कविता जैन ने चुनाव लडा। पुराने रोहतक में 12 सीटों पर कांग्रेस जीती और अकेली सोनीपत सीट पर कमल का फूल खिला था।
उन्होंने कहा कि हमने एक और एक ग्यारह होकर 10 साल आप लोगों की सेवा की, लेकिन वर्ष 2019 से अब तक सोनीपत में कांग्रेसी विधायक और मेयर ने शहर का विनाश करके रख दिया। उन्होंने कहा कि हमारे शुरू करवाए कामों को भी यह लोग पूरा नहीं कर सके, क्योंकि इनके पास कविता राजीव जैन जैसा तगडा वजीर, चौकीदार, जनभावना व जज्बे से काम करने वाली नीयत नहीं थी। उन्होंने कहा कि हमने हमेशा सेवा और संघर्ष के दम पर वोट हासिल की हैं, कभी लालच नहीं किया। जन आशीर्वाद रैली के लिए हमने बसें भेजी, लेकिन आज आप सब खुद आए हैं, क्योंकि किसी घर में किसी को कांटा भी चुभता था तो उनके रिश्तेदार बाद में पहुंचते थे, राजीव जैन पहले पहुंचता था। रूंधे गले से राजीव जैन ने जनसमूह से पूछा कि उनका कसूर क्या था। वर्ष 2019 का चुनाव हारने के बाद भी लगातार आपके बीच में रहा। तन, मन, धन से काम करते हुए पार्टी के हर मोर्चे पर अनुशासित सिपाही की तरह काम किया। उन्होंने कहा कि पूरे शहर में चर्चा थी कि इस बार कविता राजीव जैन की जोडी जेल में बैठे कांग्रेसी विधायक की जमानत जब्त कराएगी। उन्होंने एक शेर के माध्यम से अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है, जो जिंदा है, उसका जिंदा नजर आना जरूरी है। पार्टी आलाकमान के दिल्ली बुलावे पर राजीव जैन ने कहा कि जिस मेयर को निगम चुनाव में पार्टी के बडे नेता सट्टेबाज, हवाला कारोबारी, भूमाफिया बताते थे, वो आज उनके लिए अपना जमीन मारकर वोट मांग सकते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि यह सभा पार्टी के विरोध के लिए नहीं, बल्कि जनता की भावना के इजहार का मंच हैं। राजीव जैन ने कहा कि हम पार्टी नहीं छोडना चाहते, हमारे लिए पार्टी पहले है, यदि हमें लालच होता तो हम भी अन्य नेताओं की तरह उसी दिन इस्तीफा दे देते। हम तो पार्टी के अंदर रहकर विचारधारा की लडाई लडना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सोनीपत की जनता इसबार एक वोट की चोट से 2 माफिया को खत्म करने का मन बना चुकी है। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान को कार्यकर्ताओं और जनता की भावना देखनी चाहिए और विवेकपूर्ण तरीके से निर्णय लेना चाहिए। पार्टी किसी भी कार्यकर्ता को टिकट देगी, हम उसका सम्मान करेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी 10 सितंबर तक अपना निर्णय कर ले, अन्यथा इस सभा से हर बिरादरी के 21 लोगों की कमेटी जो निर्णय लेगी, हम उस निर्णय के हिसाब से आगे बढेंगे।
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