गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार में चल रहा 'राष्ट्रीय एकीकरण शिविर' गुरुवार को सम्पन्न हो गया। 'यूथ फोर माई भारत एंड डिजिटल लिटरेसी' थीम पर लगाए गए इस सात दिवसीय शिविर का समापन समारोह विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में हुआ। उच्चत्तर शिक्षा विभाग हरियाणा के प्रधान सचिव डा. डी. सुरेश (आईएएस) समापन समारोह के मुख्यातिथि रहे। अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने की। कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर, स्टेट एनएसएस ऑफिसर डा. दिनेश कुमार तथा एनएसएस के क्षेत्रीय कार्यालय दिल्ली से फील्ड ऑफिसर मनोज कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। शिविर के संयोजक डा. अंजू गुप्ता तथा डा. विनिता माथुर भी मंच पर उपस्थित रहे।
मुख्यातिथि डा. डी. सुरेश ने कहा कि हर संस्कृति के पीछे अपना एक इतिहास और संघर्ष है। युवाओं को लुप्त हो रही संस्कृतियों को तलाशना और जानना चाहिए, तभी वे इस देश में अनेकता में एकता के भाव को गहराई से समझ पाएंगे। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे अपने अंदर असुरक्षा की भावना बिल्कुल न आने दें। केवल अपने लिए नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए कार्य करें। जो भी कार्य करें, श्रेष्ठता से करें। सफलता, प्रसिद्धि और पद अपने आप मिलते जाएंगे तथा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पहचान भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि सहनशील बनें तथा सीखने की इच्छा रखें। अपने स्वयं के उदाहरण देते हुए उन्होंने युवाओं को निरंतर लक्ष्य की ओर बढ़ते रहने के लिए प्रेरित किया।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत की संस्कृति समृद्ध है। यहां विविधताओं में एकता है। इस राष्ट्रीय शिविर ने विभिन्नताओं में एकता के संदेश को फैलाया है तथा सकारात्मक ऊर्जा संचारित की है। एक भारत और श्रेष्ठ भारत के भाव को मजबूत किया है। उन्होंने प्रतिभागी स्वयंसेवकों से कहा कि उन्होंने जो कुछ इस शिविर में सीखा है, वे जाकर समाज में उसे संचारित करें तथा एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। सशक्त व जागरूक भारत के निर्माण में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय तकनीकी कौशल का युग है। अपने अंदर तकनीकी कौशल विकसित करें तथा राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।