वीरवार को नगर के सैनिक हाई स्कूल में शहीद उधम सिंह जयंती मनाई गई। इस अवसर पर स्कूल के प्रधानाचार्य रमेश कुमार ऐलावादी व अन्य स्टाफ सदस्यों और विद्यार्थियों की ओर से श्रद्धासुमन अर्पित कर दो मिनट का मौन रखकर उनकाे याद किया गया। इस दौरान स्कूल के विद्यार्थियों को शहीद उधम सिंह के जीवन परिचय से अवगत करवाया गया।वीर बाल दिवस 26 दिसंबर को मनाया जाता है जो सिख इतिहास में एक महत्वपूर्ण तिथि है। इस दिन सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी के छोटे सहिबजादो जोरावर सिंह और उनके छोटे भाई बाबा फतेह सिंह को उनकी बहादुरी के लिए याद किया जाता है । यह निर्णय भारत सरकार द्वारा लिया गया है। इसका लक्ष्य देश के युवाओं और बच्चों को उनके अद्वितीय योगदान और कार्यों के लिए सम्मानित करना है।स्कूल के प्रधानाचार्य ने विद्यार्थियों को गुरु गोविंद सिंह के बारे में विस्तृत जानकारी दी।उन्होंने बताया कि मुगल साम्राज्य के दौरान पंजाब में सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह के चार पुत्र थे, जिन्हें चार साहिबजादे खालसा के नाम से जाना जाता था। 1699 में गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की। जिसका उद्देश्य धार्मिक उत्पीड़न से अधिक समुदाय की रक्षा करना था। गुरु गोविंद सिंह की तीन पत्नियों से चार बेटे हुए अजीत, जुझार, जोरावर और फतेह सिंह जो सभी खालसा के सदस्य थे।दुर्भाग्यवश मुगल सेना ने 19 वर्ष की आयु से पहले ही इन चारों की हत्या कर दी। उनकी शहादत को सम्मानित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष यह घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा।सैनिक स्कूल के प्रधानाचार्य रमेश कुमार ऐलावादी वह अन्य स्टाफ सदस्यों ने सभी देश व प्रदेश को वीर बाल दिवस की शुभकामनाएं दी।
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