हरियाणा के चुनावी प्रचार में राहुल गांधी की धमाकेदार एंट्री, असंध और बरवाला रैली में भाजपा को घेरा
27 मिनट के भाषण में संविधान, किसान, जवान, पहलवान, पलायन और छोटे व्यापारियों के मुद्दे बखूबी उठाए
जीटी बेल्ट में पानीपत, करनाल और सफीदों की 10 और बागड़ के हिसार की 7 सीटों पर पड़ेगा बड़ा असर
शैलजा और हुड्डा के एक मंच पर आने से भाजपा के एजेंडे की निकली हवा, एकजुटता का दिया संदेश
कांग्रेस कार्यकर्ताओं में रैली से दोगुना जोश, भाजपा के करनाल व हिसार के दुर्ग ढहते नजर आ रहे
हरियाणा के चुनावी समर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को धमाकेदार एंट्री ली। जीटी रोड बेल्ट पर असंध और बागड़ के बरवाला में रैली कर राहुल ने हरियाणा के दर्द की नब्ज को बखूबी पकड़ा। उन्होंने करनाल, पानीपत, सफीदों व हिसार की 17 सीटों को साधा।
राहुल गांधी ने अपने 27 मिनट के भाषण में हरियाणा के ज्वलंत मुद्दे बेरोजगारी, डंकी रूट से देश पलायन, किसान, जवान, पहलवान और संविधान के बारे में भाजपा को जमकर घेरा। उन्होंने भाजपा से संविधान और आरक्षण बचाने की पुरजोर पैरवी की और बताया कि किस तरह भाजपा आरक्षण को खत्म करने पर तुली है। कांग्रेस जातिगत जनगणना करवाकर दलितों, पिछड़ों व गरीबों को पूरा हक देना चाहती है। प्रदेश में लगभग 22 प्रतिशत दलित वोटर हैं, जो राहुल गांधी के संविधान बचाने की इस लड़ाई में कांग्रेस का पूरा साथ दे सकते हैं। इस 22 प्रतिशत वोटर का लगभग 35 सीटों पर प्रभाव है। वहीं, पिछड़ा वर्ग के भी 33 प्रतिशत वोट हैं। पिछले कई दिन से भाजपा दलितों को साधने के लिए प्रोपेगेंडा चला रही है, लेकिन आज राहुल की इस रैली से पूरे समीकरण बदलने की चर्चा आम हो रही है।
कोई लच्छेदार भाषण नहीं, दिल को छू गई विदेश गए युवाओं की कहानी
आम तौर पर चुनावी रैलियों में घोषणाएं और लच्छेदार भाषण सुनने को मिलते हैं, लेकिन राहुल गांधी ने पूरी तरह लीक से हटकर आत्मीयता से अपनी बात रखी। उन्होंने अपनी अमेरिका यात्रा का जिक्र करते हुए डंकी रूट से विदेश जाने वाले हरियाणा के युवाओं की दर्द भरी कहानी मंच से सुनाई। अमेरिका में उनसे मिले करनाल के युवकों ने बताया कि किस तरह जमीनें बेचकर व मोटे ब्याज पर पैसा लेकर वे विदेश आए हैं। अब 10 साल तक वे परिवार से मिल नहीं पाएंगे। राहुल गांधी ने कहा कि जब मैं उस युवक के घर गया तो बच्चा देव वीडियो कॉल पर चीखें मारकर रोने लगा कि पापा घर वापस आ जाओ। मां का भी रो-रोकर बुरा हाल है। यह बात सुनकर उपस्थित जनसमूह की आंखों से भी आंसू आ गए। राहुल गांधी ने कहा कि यह अकेले देव की कहानी नहीं है, रोजगार चौपट होने से इसी तरह लाखों बच्चे रो रहे हैं। हम ऐसी व्यवस्था बनाना चाहते हैं कि किसी देव को रोना न पड़े, किसी पिता को 10 साल अपने बच्चे को गले लगाने के लिए रुकना न पड़े। बता दें कि हरियाणा से लाखों की संख्या में देश पलायन हुआ है।
किसानों व पहलवानों को याद दिलाई लड़ाई
देश में पिछले दिनों दो बड़ी लड़ाई चर्चा में रही, जिसमें केंद्र की भाजपा सरकार को मुंह की खानी पड़ी। तीन काले कानूनों को 750 किसानों ने शहादत देकर वापस करवाया। पहलवान बेटियों ने दिल्ली में आंदोलन कर भाजपा नेता बृजभूषण पर केस दर्ज करवाया। इन दोनों ही लड़ाई में हरियाणा का अहम योगदान था। राहुल गांधी ने इन दोनों ही लड़ाइयों का जिक्र कर भाजपा से इसका हिसाब करने की अपील की।
एकजुटता का बड़ा संदेश दे गए राहुल गांधी
भाजपा के कई दिन से चलाए जा रहे एजेंडे की आज उस समय हवा निकल गई जब राहुल गांधी की रैली में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा एक मंच पर आए। दोनों ने अपने संबोधन में एक-दूसरे को सम्मान दिया। राहुल गांधी ने भी शैलजा से बात की। शैलजा इसके बाद आज तीन अन्य और जनसभाओं में शामिल हुईं।
बब्बर शेर कहकर कार्यकर्ताओं में भी भरा जोश
राहुल गांधी की युवाओं में सबसे ज्यादा अपील है। यह नजारा भारत जोड़ो यात्रा में भी देखने को मिला था, जब हर युवा उनसे मिलने को बेताब था। राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं से मुखातिब होते हुए कहा कि आमतौर पर बब्बर शेर अकेला दिखाता है, लेकिन यहां पर हजारों शेर एक साथ हैं। इससे कार्यकर्ताओं में जोश की लहर दौड़ गई।
राहुल गांधी की रैलियों से बदलेंगे समीकरण
करनाल, पानीपत और सफीदों सीट की बात करें तो कुल 10 सीटों में से 5 सीटें भाजपा के पास हैं। वहीं, हिसार की सात में से 4 सीटें भाजपा और तीन जेजेपी के पास थी, जिनके विधायक बाद में भाजपा में चले गए। ऐसे में कुल 17 सीटों में से 4 कांग्रेस के पास है। नीलोखेड़ी के निर्दलीय विधायक अब कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। राहुल की रैलियों से इन सीटों पर कांग्रेसी दोगुने जोश में नजर आ रहे हैं और नए समीकरण बनने के पूरे आसार हैं।
भाजपा के ये दुर्ग ढहते से नजर आ रहे हैं। हिसार से पूर्व सांसद सुरेंद्र सिंह बरवाला के आज रैली में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने से हिसार व जींद की कई विधानसभा सीटों पर असर देखने को मिलेगा।
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