डॉ सुनील मलिक ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता व अन्य दायित्वों से अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार व पार्टी संगठन से हरियाणा का प्रत्येक वर्ग दुखी व हतोउत्साहित है। मालिक ने कहा पार्टी में मेहनतकश कार्यकर्ताओं को कोई मान सम्मान नहीं दिया जाता है बल्कि हर स्तर पर उनका शोषण किया जाता है। भाजपा सरकार की नीतियां जन कल्याणकारी ना होकर झूठी व दिखावटी है। पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार व बेरोजगारी चरम पर है। लोकतांत्रिक संस्थाओं पर अवैध लोगों का कब्जा है। इस सरकार से किसान, जवान, व्यापारी, कर्मचारी ,मजदूर सब खफा है। प्रदेश के युवाओं को कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। टिकट वितरण प्रणाली भी गैर लोकतांत्रिक और गुमराह करने वाली है। उन्होंने जागरूक मतदाताओं से अपील की है कि हमें अपने ऐसे विधायक को विधानसभा में भेजना चाहिए जो हमारे मुद्दों को विधानसभा में उठा सके। भूपेंद्र और दीपेंद्र हुड्डा के काफी करीबी माने जाते थे डॉक्टर सुनील मलिक |
डॉ मलिक हांसी हलके के सबसे बड़े गांव सातबास मलिक खाप के उमरा गांव से ताल्लुक रखते हैं। इनके दादा चौधरी हरलाल मलिक ताउम्र मालिक खाप के प्रधान रहे । इन्होंने राजनीति व प्रशासन में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से पीएचडी की है और वहीं से एन एस यू आई में रहते हुए राजनीति में कदम रखा फिर यूथ कांग्रेस में जनरल सेक्रेटरी के पद पर रहे। उसके बाद प्रदेश कांग्रेस के सदस्य रहे। ज्ञात रहे की हांसी की राजनीति में सातबास की मलिक खाप का अहम योगदान रहता है।
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