अतिरिक्त उपायुक्त सी जयाश्रद्घा ने बताया कि जिले में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। हरसेक से प्राप्त 20 एएफएल में से 12 फायर लोकेशन मिलने पर 12 किसानों पर एफआईआर तथा 32 हजार 500 रुपये जुमार्ना लगाया गया है।
अतिरिक्त उपायुक्त सी जयाश्रद्घा वीरवार को लघु सचिवालय परिसर स्थित जिला सभागार में आयोजित डीएलईसी की बैठक में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रही थी। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों के अनुपात में अबकी बार पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। कृषि विभाग की टीमों द्वारा जागरूकता अभियान के माध्यम से जिले के अनेकों गांवों में फसल अवशेष प्रबंधन की गतिविधियां चली हुई है, जिसके माध्यम से किसानों को पराली न जलाकर उसका उचित प्रबंधन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा सब्सिडी प्राप्त कृषि यंत्रों की उपयोगिताओं की भी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि कृषि उपकरणों के 02 सेट (ट्रैक्टर, स्ट्रा बेलर, हेरेक व लेजर लेण्ड लेवलर) उपलब्ध करवाए जाते हैं। इन कृषि उपकरणों के सेट को किराए पर देने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। इच्छुक निविदा कर्ता hisar.gov.in वेबसाइट से आवेदन फॉर्म डाउनलोड कर या सहायक कृषि अभियंता कार्यालय हिसार से प्राप्त कर 28 अक्टूबर 2024 तक अपनी सील बंद निविदाएं लघु सचिवालय परिसर के तृतीय तल पर स्थित सहायक कृषि अभियन्ता कार्यालय में जमा करवा सकते हैं। अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि सभी निविदाएं 29 अक्टूबर को उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी के समक्ष खोली जाएंगी। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए उप कृषि निदेशक/सहायक कृषि अभियंता कार्यालय के दूरभाष नंबर 9416107374 पर संपर्क स्थापित किया जा सकता है।
इस अवसर पर सहायक कृषि अभियंता ओमप्रकाश महिवाल, डॉ गरिमा तथा कमेटी के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
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