उपायुक्त प्रदीप दहिया ने जिले में कंबाइन हार्वेस्टर्स के संचालन के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं।
उपायुक्त प्रदीप दहिया ने सख्त निर्देश देते हुए कहा हैं कि जिले में बिना एस.एम.एस. (स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम) के चल रही कोई भी कंबाइन मशीन को तुरंत जब्त कर लिया जाएगा। उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा हैं कि जिले में कोई भी कंबाइन बिना एस.एम.एस. के संचालित न हो। उपायुक्त ने किसानों को जागरूक करते हुए कहा कि फसल अवशेषों का सही प्रबंधन पर्यावरण की सुरक्षा और मृदा की उर्वरकता बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
यह निर्देश उपायुक्त प्रदीप दहिया ने लघु सचिवालय स्थित वीसी सभागार में आयोजित फसल अवशेष प्रबंधन की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए। उपायुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि कोई भी मशीन मालिक तय रेट से ज्यादा पैसे किसानों से न लें अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी। उपायुक्त ने सभी संबंधित एसडीएम व उपमंडल कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने क्षेत्र में बेलर मशीनों को चेक करें व साथ में यह भी सुनिश्चित करें कि सभी बेलर हिसार जिले में ही काम कर रहें हैं। उपायुक्त प्रदीप दहिया ने सहायक कृषि अभियंता को निर्देश दिए कि वे जिले में स्थित पराली की गांठ खरीदने वाली इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधियों के साथ तत्काल बैठक करें। इसके साथ ही उपनिदेशक कृषि विभाग को निर्देश दिए कि जिले में धान की खेती करने वाले सभी गांवों की मैपिंग कराई जाए ताकि संबंधित गांवों को इन-सीटू और एक्स-सीटू मशीनें समय पर उपलब्ध कराई जा सकें। उन्होंने किसानों से अपील की हैं कि वे सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई मशीनों और तकनीकों का लाभ उठाएं और फसल अवशेष प्रबंधन में सहयोग करें। फसल अवशेष प्रबंधन करने वाले किसानों को सरकार द्वारा प्रति एकड़ ₹1000 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जा रहे हैं। पराली में आग लगाने से किसान सिर्फ अपनी जमीन को ही बंजर नहीं बना रहे बल्कि पर्यावरण प्रदूषण की वजह से भविष्य में जानलेवा बीमारियों को भी सीधा निमंत्रण दे रहे हैं। उपायुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि खेतों में आगजनी की गतिविधियों पर प्रशासन की कड़ी नजर है। उन्होंने सभी ग्राम सचिव, पटवारी, चौकीदार, नंबरदार तथा सरपंचों को भी हिदायत दी कि वे अपने-अपने गांव में पराली न जलाने बारे प्रशासन के संदेश की बराबर मुनादी करवाते रहे। जिले में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए जिलाधीश प्रदीप दहिया ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू करने के आदेश जारी किए हुए हैं। आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई अमल में लाई जा रही हैं। उपायुक्त ने कहा हैं कि फसल अवशेषों को जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है तथा पशुओं के लिए चारे की कमी होती है। ऐसा करने से मिट्टी में मौजूद मित्र कीट नष्ट होते हैं तथा भूमि की उपजाऊ शक्ति भी कमजोर होती है। किसान फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन करें। फसल अवशेषों से पशुओं के लिए चारा भी बनाया जा सकता है तथा किसान कृषि यंत्रों की मदद से फसल अवशेषों की गांठ इत्यादि बनाकर बिक्री कर अतिरिक्त आय भी कमा सकते हैं। फसल अवशेषों को मिट्टी में मिलाकर भूमि की उपजाऊ शक्ति को भी बढ़ाया जा सकता है।
उपायुक्त ने बताया कि यदि कोई किसान धान के फसल अवशेषों में आग लगाते हुए पाया जाता हैं तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत एफआईआर दर्ज करवा दी जाएगी और दोषी किसान के फार्म रिकॉर्ड में रेड एंट्री कर दी जाएगी जिसके फलस्वरूप किसान अगले दो सीजन तक अपनी फसल के उत्पादों को मंडी में नहीं बेच पाएगा। ऐसे किसान कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ नहीं ले पाएंगे। जिलाधीश ने अपने आदेशों में कहा हैं कि फसल अवशेष जलाने की घटनाओं को पूर्ण रूप से रोकथाम को लेकर जिला में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू की गई है। आदेशों की अवहेलना कर फसल अवशेष जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त सी. जयाश्रद्धा, एसीयूटी कनिका गोयल, हिसार एसडीएम हरबीर सिंह, बरवाला एसडीएम वेद प्रकाश बेनीवाल, नारनौंद एसडीएम मोहित मेहराणा, जिला राजस्व अधिकारी विजय कुमार यादव, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी कीर्ति सिरोहीवाल, नगराधीश हरी राम, उपनिदेशक कृषि विभाग राजबीर सिंह, डीएफएससी अमित शेखावत, सहायक कृषि अभियंता ओमप्रकाश महिवाल तथा सहायक गुण नियंत्रण अधिकारी नवीन राठी सहित संबंधित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
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