हरियाणा का कर्मचारी इस बार विधानसभा चुनाव में करेगा वोट फॉर OPS: दिनेश पाबड़ा
काली पट्टी बांधकर तानाशाही रवैये के खिलाफ खड़े हुए कर्मचारी
रोहतक में 8 सितंबर के ओपीएस तिरंगा मार्च की परमिशन रद्द करने से भड़का पीबीएसएस
सरकार पर लगाया प्रशासन पर दबाव डालने का आरोप
पैंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा के आह्वान पर रोहतक में 8 सितंबर को प्रस्तावित ओपीएस तिरंगा मार्च की परमिशन जिला प्रशासन द्वारा रद्द करने से पुरानी पैंशन बहाली के लिए संघर्ष कर रहा पीबीएसएस भड़क उठा है। एन मौके पर परमिशन रद्द किए जाने से भड़के कर्मचारियों ने 9 से 11 सितंबर तक काली पट्टी, रिबन या काला बैज लगाकर काम करते हुए सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ अपना विरोध जाहिर किया।
बुधवार को पैंशन बहाली संघर्ष समिति के जिला प्रधान दिनेश पाबड़ा ने बैठक कर इसकी जानकारी दी। दिनेश पाबड़ा ने बताया कि पैंशन बहाली संघर्ष समिति के राज्य नेतृत्व के आह्वान पर पहला ओपीएस तिरंगा मार्च अंबाला में निकाला गया तथा दूसरा ओपीएस तिरंगा मार्च हिसार में 1 सितंबर को निकाला गया। इसमें जिला हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, जींद, भिवानी व दादरी के 15 हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने हिसार में अपनी एकता और ताकत का अहसास सरकार को करवा दिया था। इतनी भारी संख्या देखकर सरकार डर से बौखला गई और अपनी तुच्छ हरकतों पर आमादा हो गई। इसी कड़ी में 8 सितंबर को जिला रोहतक में रोहतक मंडल के जिलों का ओपीएस तिरंगा मार्च प्रस्तावित था। इसके लिए बाकायदा पहले से परमिशन ली जा चुकी थी तथा सभी प्रकार की तैयारियां पूर्ण की जा चुकी थी। परन्तु हिसार तिरंगा मार्च से सरकार इतनी घबरा गई कि रोहतक जिला प्रशासन पर तानाशाही दबाव बनाते हुए मार्च की एक रात पहले परमिशन रद्द करवा दी। उन्होंने बताया कि इसके बाद राज्य नेतृत्व ने फैसला लिया कि राज्य भर के सभी सरकारी कर्मचारी सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करवाने के लिए 9 से 11 सितंबर तक काली पट्टी, काला रिबन, काली चुन्नी या बैज लगाकर अपना काम करेंगे। उन्होंने बताया कि इस दौरान जिला हिसार के सभी विभागों, निगमों व कार्यालयों के हजारों कर्मचारियों ने काली पट्टी व काला बैजल लगाकर अपना विरोध दर्ज करवाया। कर्मचारियों ने सभी लोगों को भी सरकार की तानाशाही के खिलाफ भी जागरुक किया। उन्होंने बताया कि अब हरियाणा के कर्मचारियों ने वोट फॉर ओपीएस का मन बना लिया है तथा इस बार के विधानसभा चुनाव में हरियाणा के कर्मचारी यूपीएस और एनपीएस खिलाफ और ओपीएस के पक्ष में वोट करेंगे। हिसार से राज्यकार्यकारिणी सदस्य अमर ने बताया कि आगामी चुनावों में ओपीएस का मुद्दा सबसे बड़ा मुद्दा रहने वाला है तथा इस बार इस मुद्दे के पक्ष की ही सरकार बनेगी।
इस दौरान जिला महिला प्रधान स्वराज वर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा रोहतक ओपीएस तिरंगा मार्च की परमिशन रद्द करना सरकार की बौखलाहट को साफ साफ दर्शा रहा है। उन्होंने कहा कि अब हरियाणा के कर्मचारी वोट की चोट से सरकार की तानाशाही का जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि 9 से 11 सितंबर तक काली पट्टी व काली रिबन बांधकर दर्ज करवाए गए विरोध में जिले की सभी महिला कर्मचारियों ने बढचढ कर हिस्सा लेते हुए संकल्प लिया है कि आगामी विधानसभा चुनावों में वोट फॉर ओपीएस की चोट से वर्तमान पार्टी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने से पीछे नहीं हटेंगी। इस अवसर पर उनके साथ पंकज खटक, चरण सिंह, सुंदर सिंह, प्रदीप पंघाल, नरेंद्र कुमार, मुकेश सिंहमार आदि अनेकों कर्मचारी मौजूद थे।
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